मत इंतज़ार कराओ हमे इतना
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या पता कल तुम लौटकर आओ
और हम खामोश हो जाएँ
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है
दिल से खेलना हमे आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए
मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।
लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।
भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!
मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
क्योकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं हो
About Me

- Osho Krishna
- I am celebrating my life with OSHO Mediatation............And continuously trying to know myself...."Who am I?" I don't know whether I can know I or not........But I want to spread the message of truth and love.......In the heart of people....Don't ask the meaning of feeling........Love to be everyone prayer!!!!

Sunday, March 29, 2009
Sunday, March 22, 2009
ये मोहबत्त
मै पूछता नहीं ये मोहबत्त कब ,क्यू, और केसे होती है
मै जानता हू की जब ये होती है तो खुदा की रहमत होती है ..
सदिया लगी है सदियों से इसकी हस्ती मिटाने को
न जाने इसमें क्या बात है की हर सदी में ये फिर से जंवा होती है
मत पूछो तुम इसकी जूनून की हद को
पि लेती है विष प्याला भी जब कोई मीरा दीवानी होती है
कभी कृष्ण ने ,कभी हीर ने ,कभी फ़राज़ ने दिए है इसे नए रंग
मिट गया जो इसके जूनून में उसकी मोत भी एक कहानी होती है
लाख बिठालो तुम इस पर चाहे कितने ही पहरे
आता है जब मोसम इसका तो कभी बनके ये शोला कभी बनके शबनम ये बरसती है ........
मै जानता हू की जब ये होती है तो खुदा की रहमत होती है ..
सदिया लगी है सदियों से इसकी हस्ती मिटाने को
न जाने इसमें क्या बात है की हर सदी में ये फिर से जंवा होती है
मत पूछो तुम इसकी जूनून की हद को
पि लेती है विष प्याला भी जब कोई मीरा दीवानी होती है
कभी कृष्ण ने ,कभी हीर ने ,कभी फ़राज़ ने दिए है इसे नए रंग
मिट गया जो इसके जूनून में उसकी मोत भी एक कहानी होती है
लाख बिठालो तुम इस पर चाहे कितने ही पहरे
आता है जब मोसम इसका तो कभी बनके ये शोला कभी बनके शबनम ये बरसती है ........
Monday, February 23, 2009
Samane hardam rahe
saamne hardam rahe wo
din ho chahe raat ho
din ho chahe raat ho
sirf
doosra
ye
hai
ya
sochta
khoon
aur
Sunday, February 22, 2009
संसार भी हो सन्यास भी हो
कुछ ऐसी हमारी किस्मत हो पिता भी रहू और प्यास भी हो
मस्ती मैं बहकता दिल भी रहे और होश बहरा उल्लास भी हो
मिट जाए मेरी हस्ती के निशा मौजूद भी लेकिन पूरा रहू
ये घर ही मंदिर बन जाए संसार भी हो संन्यास संसार भी हो
जीवन का सफ़र यु बीते अगर कुछ धुप भी हो कुछ छाव भी हो
मिलाता तो रहे चलने का मज़ा मंजिल का सदा अहसास भी हो
परदे मैं छिपा हो लाख मगर जलवा भी दिखाई देता रहे
इस आख मिचोली खेल मैं वो कुछ दूर भी हो पास भी हो
हो चूप्पी मगर कुछ गाती सी संगीत हो मौन मैं डूबा हुआ
रोदन भी चले कुछ मुस्काता सा कुछ अश्रु बहता हास भी हो
सन्नाटा कभी तूफान सा हो चुपचाप से गुजरे आंधी कभी
मज़धार भी हो साहिल जैसी जो डूब सके वह पार भी हो
भीतर बाहर के भेद मिटे धन ध्हायन रहे और ध्यान भी हो
विज्ञान भी हो अंतर ज्ञान भी हो जीने की कला हो प्यार भी हो
मस्ती मैं बहकता दिल भी रहे और होश बहरा उल्लास भी हो
मिट जाए मेरी हस्ती के निशा मौजूद भी लेकिन पूरा रहू
ये घर ही मंदिर बन जाए संसार भी हो संन्यास संसार भी हो
जीवन का सफ़र यु बीते अगर कुछ धुप भी हो कुछ छाव भी हो
मिलाता तो रहे चलने का मज़ा मंजिल का सदा अहसास भी हो
परदे मैं छिपा हो लाख मगर जलवा भी दिखाई देता रहे
इस आख मिचोली खेल मैं वो कुछ दूर भी हो पास भी हो
हो चूप्पी मगर कुछ गाती सी संगीत हो मौन मैं डूबा हुआ
रोदन भी चले कुछ मुस्काता सा कुछ अश्रु बहता हास भी हो
सन्नाटा कभी तूफान सा हो चुपचाप से गुजरे आंधी कभी
मज़धार भी हो साहिल जैसी जो डूब सके वह पार भी हो
भीतर बाहर के भेद मिटे धन ध्हायन रहे और ध्यान भी हो
विज्ञान भी हो अंतर ज्ञान भी हो जीने की कला हो प्यार भी हो
Where the mind is without fear
Where the mind is without fear and the head is held high;
Where knowledge is free;
Where the world has not been broken up into fragments by narrow
domestic walls;
Where words come out from the depth of truth;
Where tireless striving stretches its arms towards perfection;
Where the clear stream of reason has not lost its way into the
dreary desert sand of dead habit;
Where the mind is led forward by thee into ever-widening thought
and action--
Into that heaven of freedom, my Father, let my country awake.
-- Rabindranath Tagore
Where knowledge is free;
Where the world has not been broken up into fragments by narrow
domestic walls;
Where words come out from the depth of truth;
Where tireless striving stretches its arms towards perfection;
Where the clear stream of reason has not lost its way into the
dreary desert sand of dead habit;
Where the mind is led forward by thee into ever-widening thought
and action--
Into that heaven of freedom, my Father, let my country awake.
-- Rabindranath Tagore
Saturday, February 21, 2009
SAYARIES
हिचकियों से एक बात का पता चलता है
कि कोई हमे याद तो करता है
बात न करे तो क्या हुआ
कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है
ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती
हर बात समझाने के लिए नही होती
याद तो अक्सर आती है आप की
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती
महफिल न सही तन्हाई तो मिलती है
मिलन न सही जुदाई तो मिलती है
कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलता
वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती ह
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास भुजती नही बरसात गुज़र जाती है
अपनी यादों से कह दो कि यहाँ न आया करे
नींद आती नही और रात गुज़र जाती है
उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं
वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं
सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें
लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं
कि कोई हमे याद तो करता है
बात न करे तो क्या हुआ
कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है
ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती
हर बात समझाने के लिए नही होती
याद तो अक्सर आती है आप की
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती
महफिल न सही तन्हाई तो मिलती है
मिलन न सही जुदाई तो मिलती है
कौन कहता है मोहब्बत में कुछ नही मिलता
वफ़ा न सही बेवफाई तो मिलती ह
कितनी जल्दी ये मुलाक़ात गुज़र जाती है
प्यास भुजती नही बरसात गुज़र जाती है
अपनी यादों से कह दो कि यहाँ न आया करे
नींद आती नही और रात गुज़र जाती है
उमर की राह मे रस्ते बदल जाते हैं
वक्त की आंधी में इन्सान बदल जाते हैं
सोचते हैं तुम्हें इतना याद न करें
लेकिन आंखें बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं
Subscribe to:
Posts (Atom)