कुछ ऐसी हमारी किस्मत हो पिता भी रहू और प्यास भी हो
मस्ती मैं बहकता दिल भी रहे और होश बहरा उल्लास भी हो
मिट जाए मेरी हस्ती के निशा मौजूद भी लेकिन पूरा रहू
ये घर ही मंदिर बन जाए संसार भी हो संन्यास संसार भी हो
जीवन का सफ़र यु बीते अगर कुछ धुप भी हो कुछ छाव भी हो
मिलाता तो रहे चलने का मज़ा मंजिल का सदा अहसास भी हो
परदे मैं छिपा हो लाख मगर जलवा भी दिखाई देता रहे
इस आख मिचोली खेल मैं वो कुछ दूर भी हो पास भी हो
हो चूप्पी मगर कुछ गाती सी संगीत हो मौन मैं डूबा हुआ
रोदन भी चले कुछ मुस्काता सा कुछ अश्रु बहता हास भी हो
सन्नाटा कभी तूफान सा हो चुपचाप से गुजरे आंधी कभी
मज़धार भी हो साहिल जैसी जो डूब सके वह पार भी हो
भीतर बाहर के भेद मिटे धन ध्हायन रहे और ध्यान भी हो
विज्ञान भी हो अंतर ज्ञान भी हो जीने की कला हो प्यार भी हो
About Me

- Osho Krishna
- I am celebrating my life with OSHO Mediatation............And continuously trying to know myself...."Who am I?" I don't know whether I can know I or not........But I want to spread the message of truth and love.......In the heart of people....Don't ask the meaning of feeling........Love to be everyone prayer!!!!

Sunday, February 22, 2009
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